गणतंत्र दिवस कुंडली और भारत का भविष्य
अभी कुछ दिन की बात है एक पाठक एक पाठक ने मुझे एक ज्योतिषी की
भविष्यवाणी भेजी जिसमे यह बताया या हा की कुछ साल आड़ भारत का बहुत ही
बुरा समय आने वाला है ! ज्योतिषी दक्षिण के थे और जिन विवरणों का
उन्होंने प्रयोग किया था वह भी गलत नहीं था ! तो क्या सचमुच ऐसा कुछ होने
जा रहा है , मेरा उत्तर है बिलकुल नहीं ! तो उनसे गलती कहा हुई ! उनसे
गलती यह हुई की उन्होंने इतनी बड़ी भविष्यवाणी सिर्फ स्वतंत्रता दिवस की
कुंडली देख कर दी !
भारत की स्वतंत्रता की कुंडली से भविष्यवाणी की जा सकती है ! मैंने स्वयं कई
सफल भविष्यवाणी स्वतंत्रता दिवस की कुंडली के धर पर ही दी है ! पर ज्योतिषियों
को एक बात ठीक से समझनी होगी की १५ अगस्त १९४७ और २६ जनवरी १९५० में बहुत फर्क
है ! जब हमें भारत के ही भविष्य के बारे में बताना हो तब दोनों कुंडलियो का
विश्लेषण करना होगा !
भारतीय गणतंत्र की कुंडली में १९९३ से २०११ तक राहु की दशा चल रही थी ! राहु
परिवर्तनकारी ग्रह है , यथा स्थिति विरोधी है और मान्यताओं का विरोध करता है !
नयी परम्पराए शुरू करता है पुरानी परम्पराओं को दकियानूसी मानता है ! अगर हम
देखे तो १९९३ से २०११ तक भारत में आमूलचूल परिवर्तन हुए ! सामजिक राजनितिक और
आर्थिक सभी मोर्चो पर क्रांतिकारी परिवर्तन हुए ! इन परिवर्तनों से सबसे
ज्यादा दो संस्थाए प्रभावित हुई और वे है विवाह और परिवार ! हमारे मूल्यों और
चरित्र में काफी गिरावट आई और राहु का यही आम है ! राहू कुंडली में लग्न में
स्थित है ! और मंगल से दृष्ट है ! मंगल से दृष्ट होने के कारन यह और उग्र है !
राहु को ज्योतिष के ग्रंथो में मलेछ और मुस्लमान बताया गया है ! यह राहु
कुंडली में लग्न में है ! इसी लिए भारत में मुसलमानों का राजनितिक दलों द्वारा
ज्यादा ध्यान दिया जाता है ! कुछ लोगो का यह भी विचार है की मोतीलाल नेहरु के
पिता गंगाधर वास्तव में जन्मजात मुसलमान थे और उनका असली नाम गयासुद्दीन गाजी
था और सेना से भागने के लिए गयासुद्दीन गाजी ने हिन्दू धर्म अपना लिया और
अपना नाम गंगाधर रख लिया( source - blog - Nehru died of tertiary syphilis) !खैर नेहरु गाँधी परिवार जो भी रहे हो
इन्होने मुसलमानों को अपने राजनितिक हितो के लिए खूब बढ़ावा दिया यह बात और है
की इस अबसे मुसलमानों का कोई फायदा नहीं हुआ और उनकी स्थिति भारत के किसी भी
समुदाय से ज्यादा ख़राब है ! स्वतंत्रता की कुंडली में भी राहु लग्न में ही
स्थित है ! भारत २०११ से बृहस्पति की महादशा में आ गया है ! लग्न स्थित राहु
का असर तो रहेगा ही आर दशा के अनुसार अब बहुसंख्यक हिन्दू संप्रदाय की स्थिति
मजबूत होगी ! भारत आने वाले सालो में खूब तरक्की करेगा ! बृहस्पति दशा से
सम्बंधित पूरी भविष्यवाणी अगले लेख में -