Tuesday, September 11, 2018

कुंडलीमिलान का पारंपरिक तरीका कितना सफल और कितना तार्किक है ! -

कुंडलीमिलान का पारंपरिक तरीका कितना सफल और कितना तार्किक है ! - 

कब प्रारम्भ हुआ कुंडली मिलान :- 

प्राचीन या वैदिक काल में हिन्दू लोग ज्योतिष और एस्ट्रोनॉमी से पूरी तरह परिचित होने के बावजूद विवाह में किसी भी प्रकार के ज्योतिष , गुण मिलान आदि का प्रयोग नहीं करते थे ! कालांतर में सूर्य का उत्तरायण होना और शुक्ल पक्ष की तिथि होना जैसी बातों से विवाह संस्कार में ज्योतिष का प्रवेश हुआ ! मशहूर इतिहासकार डॉ राजबली पांडे ने अपनी पुस्तक "हिन्दू संस्कार" में इसका व्यापक उल्लेख करते हुए लिखा है कि सूर्य के उत्तरायण और शुक्ल पक्ष के साथ विवाह में अन्य ज्योतिषीय गड़नाओं का प्रयोग होना धीरे धीरे शुरू हुआ ! पर आज की तरह ही वर वधु की कुंडलियां मिलाने की तार्किक प्रक्रिया ना शुरू होकर गुण मिलान शुरू हुआ ! जो कि नाक्षत्रों पर आधारित था,नक्षत्र क्यों कि 23 घंटे 56 मिनट अर्थात पूरे एक दिन का होता है या एक दिन पूरे 24 घंटे एक ही नक्षत्र रहता है ! तो पंचांग से वर और वधू की पैदाइश के विशेष दिन का( ना कि समय का ) नक्षत्र से मिलान किया जाने लगा ! एक नक्षत्र का दूसरे नक्षत्र से कितनी मैत्री है उसको कुछ पॉइंट्स दिए जाने लगे जैसे 18 गुण 26 गुण आदि ! यह बहुत सरल था क्योंकि जन्म समय की अनुपलब्धता के कारण यह पद्धति धीरे धीरे प्रचलन में आ गयी ! आगे चलकर इसमे मंगल दोष सहित अन्य दोष तथा उसका परिहार भी जोड़ दिया और उसे व्यावसायिक रूप दे दिया गया ! पर सोचने वाली बात यह है कि नौ ग्रह और एक लग्न अर्थात 10 में से हैम केवल चंद्रमा और उसके नक्षत्र को देखते हैं जो कि 10 बिंदुओं में से सिर्फ 10% पर ही हम विचार करते हैं ! इसके अलावा कुंडली उसकी दशाएं उसमे वैवाहिक सुख पति पत्नी की आयु (Longevity) , उनकी साम्पन्नता विपन्नता भावनात्मक लगाव आने वाले समय मे त्याग परित्याग , संतान सुख आदि का ध्यान ही नही दिया जाता था ! तो निष्कर्ष में यह निकालता हुन कि पारंपरिक गुण मिलान उनके लिए है जिनके पास उनका जन्म समय ज्ञात ना हो ! जिनके पास उनका जन्म समय ज्ञात हो वे गुण मिलाना छोड़ कुंडली मिलाएं, अगर कुंडली मिल गयी तो विवाह के सुखी होने के 90% संभावनाएं रहेंगी ! और पाठकों की जानकारी के लिए बात दूं कि जन्म समय पर आधारित वास्तविक कुंडली मिलान की यह प्रक्रिया मात्र कुछ वर्षों से शुरू हुई है ! और दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसकी पहुंच कुछ जागरूक और सुविधा भोगी वर्ग तक ही सीमित है !यह प्रक्रिया आज की हिन्दू ज्योतिष ने इतनी प्रगति कर ली है कि ज्यादा मेहनत करके घटनाओं के माध्यम से तथा हथेली और अंगूठे देख कर वास्तविक समय तक निकाल लिया जाता है ! क्योंकि यह बहुत हेक्टिक और टाइम टेकिंग है तो जो इस विद्या को जानते हैं वह समयाभाव में इससे दूर रहते हैं ! मैं स्वयं कम ही हॉरोस्कोप रेक्टिफिकेशन का काम लेता हूँ समयाभाव के कारण ! काम से कम 5 से 10 घंटे पूरे चाहिए होते हैं ! 

एक IPS और एक IAS के वैवाहिक जीवन से त्रस्त आत्महत्या तथा कुण्डलीमिलान का संबंध :-

अब आते हैं 09 सितंबर 2018 को आत्महत्या करके दिवंगत हुए IPS सुरेंद्र दास जी के विषय पर जो  नवोदय विद्यालय के छात्र थे जिसका कभी मैं भी छात्र था,फ़ैज़ाबाद जवाहर नवोदय विद्यालय का ! कुछ माह पहले IPS मुकेश पांडे जी भी ट्रेन से कट कर मरे थे ! कारण दोनों मे वही पत्नी से मेल ना खाना ! जानकारी के अनुसार दोनों की कुण्डलियां मिलाई गयी थी ! पर उसी तरह से,नक्षत्र चरणों से अर्थात राशि के नाम से ! जैसे आज 80% मामलों में हो रहा है ! हालाकी एक आधुनिक समाज भी तैयार हो रहा है जो नये शोधों से लैस पद्धतियों को फॉलो कर रहा है और सुखी भी है ! तो जैसा कि मैने फसबुक पर तीन संक्षिप्त शृंखलाओं मे कहा कि इस तरह से शादियों के गुण मिलान का कोई अर्थ नही जैसे सुबह अख़बार में या टी.वी में राशिफल पढ़ने का कोई अर्थ नही ! मिलाना है तो दोनों की कुण्डलियां अलग अलग दो भिन्न भिन्न अस्तित्वों का मिलान करिए ! ना कि रोहिणी नक्षत्र के लड़के का मघा नक्षत्र की लाड़की से ! कुण्डलियां बहुत कुछ बता देंगी ! अगर आप ज्योतिष् को मानते हैं तो दोनों कुण्डलियां आपस मे मिल रही हैं तो शादी करिए नहीं तो दोनों दूसरे रास्ते खोजें  ! इस 36 गुण और मांगलिक के चक्कर में मैने सैकड़ों घर बर्बाद होते देखे हैं ! ऐसा मैं ही नहीं फॉलो करता विश्व में हिंदू भारतीय ज्योतिष् के सबसे बड़े हस्ताक्षर श्री के.एन राव सर भी यही मानते हैं ! IPS साधु किस्म के ईमानदार और भक्त व्यक्ति थे ! जाहिर है शाकाहारी भी थे ! पत्नी जन्माष्टमी को घर में माँस खाती है तो कैसे पटेगी ! यह सामान्य घटना नहीं है ! यही तो गुणमिलान है ! एक मनुष्य की राक्षस से कितनी पटेगी ! यह बाते तो कुंडली देखे बिना भी समझी जा सकती थी ! कुंडली मिलाइए पर आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से ! पहले Longevity अर्थात उम्र देखिए ! ज्योतिषी को यह देखना चाहिए कि दोनों मे से कोई अल्पायु तो नहीं है ! 2. फिर भावनायें या गुण मिलायें अर्थात दोनों की आदतें मिलती है कि नही साथ में दोनों में भावनात्मक लगाव रहेगा या नहीं ! यहाँ IPS के केस में  यही सब तो हुआ ! 3. फिर Prosperity अर्थात संपन्नता देखिए कि दोनों कुंडलियों में किसी एक में रोज़ी रोटी का संकट तो नहीं है ! चौथा और अंतिम संतान योग देखिए ! ....शेष बातें फिर कभी 

सुशील कुमार सिंह (टाइम्स ऑफ इंडिया पैनेल के ज्योतिषी ) Contact - 7985517269 Whatsapp - 9125000013 www.astrosushil.com ज्योतिष् सदन फ़ैज़ाबाद (अयोध्या)

Wednesday, September 5, 2018

ज्योतिष के अनुसार समय पर या समय से पूर्व होंगे लोकसभा 2019 के चुनाव :-

ज्योतिष के अनुसार समय पर या समय से पूर्व होंगे लोकसभा 2019 के चुनाव 

भारतीय हिन्दू ज्योतिष यह भी बताने में सक्षम है कि चुनाव में कौन जीतेगा तो वह यह भी बताने में सक्षम है कि चुनाव कब होंगे ! कुछ वरिष्ठ ज्योतिषियों ने 1989 के तथा दो अन्य लोकसभा चुनावों का समय बता दिये थे ! मैंने एक राष्टीय समाचार पत्र के लिए 2009 के चुनावों का समय बताया था ! चुनाव संबंधित भविष्यवाणी में सबसे बड़ी अड़चन नेताओं का जानबूझ कर गलत जन्म विवरण देना तथा भाजपा कांग्रेस शिवसेना के अतिरिक्त किसी बड़ी पार्टी की वास्तविक कुंडली की अनुपलब्धता भी है ! वैसे मेरे पास समाजवादी पार्टी की कुंडली उनके एक बड़े नेता द्वारा दी गयी हुई है पर समयाभाव में मैंने उसपर काम नहीं किया !  


 क्या है चुनावों की तारीख बताने का ज्योतिषीय सिद्धांत :  

पहली स्थिति में राहु की एक विशेष स्थिति में ही चुनाव होते हैं ! यह शोध अभीतक सम्पन्न हर आम चुनाव पर लागू हुआ है !   दूसरी स्थिति में मंगल चुनाव /पोलिंग के दिन कभी भी द्विस्वभाव राशियों अर्थात मिथुन, कन्या धनु तथा मीन राशि में नहीं था !    तीसरी स्थिति में सभी तो नहीं पर कुछ   आम चुनावों में शनि या बृहस्पति वक्री थे !   चैथी स्थिति में लगभग 50% केसेज़ में शनि द्विस्वभाव राशियों अर्थात मिथुन ,कन्या,धनु तथा मीन राशियों को जैमिनी दृष्टि से देखता है !   पाँचवी स्थिति में ज्यादातर केसेज़ में भारत की स्वतंत्रता तथा गणतंत्र की कुंडलियों के दसवें,चौथे,पहले,आठवें, ग्यारहवें तथा छठे भाव पर किसी पाप ग्रह की जैमिनी दृष्टि अवश्य पड़ रही थी !  दसवाँ घर सत्तारूढ़ दल और प्रधानमंत्री का नेतृत्व करता है ! चौथा भाव विपक्ष तथा राज्यसभा को प्रदर्शित करता है ! ग्यारहवां भाव संसद द्वारा नए कानून बनाने तथा चुनाव आयोग द्वारा चुनावों की अधिसूचना जारी करने का प्रतिनिधित्व करता है ! छठा भाव मतदाता क्षेत्र तथा प्रत्याशियों की लड़ाई या यूं कहिये कि हार या जीत का होता है ! पहला और आठवाँ घर चुनावों की घोषणा के बाद जनता तथा नेताओं के बीच के चुनावी बुखार और हलचल का प्रतिनिधित्व करता है !   अब यदि जैमिनी ज्योतिष के उपरोक्त सिद्धांतो को ध्यान में रखा जाय तो सिर्फ तीसरा सिद्धांत इस बार की मेरे द्वारा निकाली गई तारीखों पर लागू नहीं हो रहा है ! शेष चारों सिद्धांत पूरी तरह से लागू हो रहे हैं !  


 तो क्या समय से पहले होंगे 2019 के चुनाव :   

उपरोक्त बताये गए जैमिनी दृष्टिकोण से आम चुनाव थोड़ा पहले हो सकते हैं अर्थात 23 मार्च के पूर्व ! जबकि सामान्य तौर पर इसे अप्रैल या मध्य मई तक सम्पन्न होने चाहिए ! पहले नियम के अनुसार राहु चर राशि "कर्क" में 23 मार्च तक रहेगा ! यहां राहु के वास्तविक गोचर की बात हो रही है ! जिसे ट्रू राहु ट्रांजिट भी कहते हैं ! अन्यथा दूसरे मत के अनुसार राहु 7 मार्च को ही कर्क राशि छोड़कर मिथुन में प्रवेश कर जाएगा ! पर अधिकतर ज्योतिषी 23 मार्च के गोचर को ही महत्वपूर्ण मानते हैं ! तो पहले सिद्धांत के अनुसार चुनाव 23 मार्च के पहले सम्पन्न हो जाने चाहिए ! और एक संभावना यह भी है कि चुनाव शरू होने के बाद कुछ बड़े विवाद हो और कुछ दिनों के लिए चुनाव तिथियां आगे बढ़ा दी जाय कुछ फेज हो जाने के बाद ! इन विषयों पर कुछ गंभीर शोध की आवश्यकता है ! पर ज्यादा संभावना 23 मार्च के पहले चुनाव सम्पन्न होने की लगती है ! दूसरे सिद्धांत के अनुसार  06 फवरी से 07 मई तक मंगल द्विस्वभाव राशि में नहीं रहेगा और 06 फवरी से 22 मार्च तक स्वतंत्रता की कुंडली के चौथे और दशवें घर को जैमिनी दृष्टि से देखेगा ! तथा 22 मार्च से 07 मई तक मंगल चौथे,दसवें,पहले,ग्यारहवें, छठवें तथा आठवें भाव या स्वामियों को देखेगा !  तीसरी स्थिति लागू नहीं है क्योंकि शनि और बृहस्पति अप्रैल में वक्री होंगे तो ऐसा भी जो सकता है कुछ फेज होकर चुनाव के कुछ फेज बाद में हों ! चौथी स्थिति के अनुसार शनि सभी द्विस्वभाव राशियों को देख रहा है ! पांचवीं स्थिति भी पूर्ण रूप से लागू हो रही है पर सिर्फ दो दिनों के लिए तो ऐसा हो सकता है कि चुनाव आयोग की राजनीतिक पार्टियों से कुछ विवाद हो कुछ फेज थोड़े अंतराल पर हों ! 

ज्योतिषी सुशील कुमार सिंह (टाइम्स ऑफ इंडिया पैनेल के ज्योतिषी)

ज्योतिष् सदन फ़ैज़ाबाद अयोध्या 7985517269, Whatsapp - 9125000013  


REAL HOROSCOPE OF YOGI ADITYANATH

  योगी आदित्यनाथ की वास्तविक कुंडली   योगी आदित्यनाथ की जो कुंडली आमतौर पर प्रकाशित होती है वे सभी ग़लत हैं ! आपको वास्तविक कुंडली और जन्म व...