केतु :- केतु महामारी, बुखार और इंफेक्शन या संक्रमण का कारक होता है ! केतु किसी बीमारी को बढ़ाने का कारक होता है ! केतु सूक्ष्म जीवों,रोगाणुओं,तथा उनसे संबंधित अध्ययन का कारक होता है ! केतु का बृहस्पति के साथ होना बहुत ही दुखदायी और निराशाजनक है क्योंकि क्योंकि बृहस्पति विषाणुओं को फैलता है जबकि केतु बढ़ाता है ! जबकि राहु किसी कुंडली में वाइरस या विषाणुओं का कारक होता है ! इस गुरु चंडाल योग में बृहस्पति बहुत पीड़ित हो जाता है ! यदि बृहस्पति पीड़ित ना हो तो बीमारी भाग जाएगी परंतु यहाँ तो बृहस्पति ही पीड़ित है !
यदि व्यक्ति की कुंडली में केतु बृहस्पति जोकि धनु राशि में है वह व्यक्ति की कुंडली के बारहवें या छठें भाव में है तो व्यक्ति के COVID-19 से पीड़ित होने की थोड़ी संभावना शुरू हो जाती है ! पर मात्र थोड़ी सी ही ! यदि व्यक्ति का लग्न का स्वामी बृहस्पति हो और वह छठे,बारहवें या लग्न सप्तम भावों में हो तो भी संभावना बढ़ जाती है !
सूर्य :- सूर्य जीवनद्ड़ाईी ग्रह है ! यदि सूर्य कुंडली मे कमज़ोर होगा तो व्यक्ति इन विषाणुओं या विरूसेज़ से लड़ नहीं पाएगा !
शुक्र :- शुक्र प्रतिरोधी क्षमता का कारक ग्रह है ! यदि व्यक्ति का शुक्र अस्त है तो भी समस्यायें बढ़ सकती हैं ! तो व्यक्ति का केतु,शुक्र और सूर्य यदि पीड़ित या कमज़ोर है और उनकी केतु शुक्र राहु और सूर्य की दशा चल रही हो इस महामारी के प्रक्रोप में पड़ने की संभावना बढ़ जाती है !
वैसे भारत में 25 मार्च से और 13 अप्रैल के बाद राहत की उम्मीद है और बड़े नुकसान की संभावना कम है !
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