Friday, September 9, 2011

आडवानी की रथ यात्रा - एक ज्योतिषीय विश्लेषण

लाल कृष्ण आडवानी पुनः रथ यात्रा शुरू करने जा रहे हैं.वह स्वयं को अभी भी प्रधान मंत्री की दौड़ में रखना चाहते हैं.उन्हें भा .ज .पा और आर .एस .एस ने इसकी अनुमति दी होगी !इसका कारण यह है कि दूसरी पांत के ४ प्रमुख नेता - सुषमा स्वराज , अरुण जेटली , राजनाथ सिंह और नरेन्द्र मोदी नेतृत्व प्रदान करने की अपनी योग्यता सिद्ध करने में अभी तक असमर्थ साबित हो चुके हैं.पर सच यह भी है कि आडवानी जी ने इन्हें ऐसा मौका भी नहीं दिया.और ये चारों चार ओर मुह कर के एक साथ बैठते हैं.
पर यदि मुझसे पूंछा जाए कि भारत का सबसे दुर्भाग्य शाली राजनेता कौन है तो आडवानी जी का ही नाम लूंगा.वह उस उस के लायक थे पर उन्हें वह पद नहीं मिला.

क्या आडवानी बन पाएंगे प्रधानमंत्री -
मैंने २००९ के आम चुनाव के बहुत पहले अप्रैल २००८ में ही यह भविष्यवाणी कर दी थी की आडवानी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे.बाद में १६ जून को हिंदी अखबार "दैनिक जागरण" में यह भविष्यवाणी छपी.उस समय पाठकों को यह अजीब सा लगा था क्यों की माहौल बिलकुल भा.जा.पा के पक्ष में था.एक बार तो अखबार के संपादक गड़ भी चकरा गए.मेरी भविष्यवाणी के ठोस आधार भी थे.और वह आधार ज्योतिषीय थे.मैं साथ में उस भविष्यवाणी को भी संलग्न कर रहा हूँ.
क्या सफल होगी भ्रष्टाचार के खिलाफ रथ यात्रा -
अब भा.जा.पा का यह महारथी पुनः रथ पे सवार होने जा रहा है.भा.जा.पा इस समय पुनः बुरे दौर से गुजर रही है.येद्दयुरप्पा का भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच स्तीफा फिर निशंक का स्तीफा.हो भा.जा.पा इस समय शुक्र में केतू की विम्शोत्तरी महादशा में है.अर्थात दशा छिद्र या संक्रमण की अवस्था में .शुक्र की महादशा समाप्त होने की ओर है और सूर्य की दशा शुरू होने को है.५ अप्रैल २०१२ तक यह संक्रमण काल चलेगा.यह ज्योतिषीय दशा का संक्रमण काल ही था जिसने पार्टी को दो दो मुख्यामंत्र्तियों को बदलवाया.आश्चर्य नहीं की आने वाले समय में भा.जा.पा में ढेर सारे परिवर्तन देखने में आयें..५ अप्रैल २०१२ के बाद भा.जा.पा ६ वर्षीय सूर्य की विंशोत्तरी महादशा में होगी.यह सूर्य भा.जा.पा की कुंडली के दशम भाव में है.नवांश में
यह सूर्य चौथे घर का स्वामी होकर नवे घर में बैठा हुआ है.दशाम्स कुंडली में यह सूर्य विपरीत राजयोग में है.
लाल कृष्ण आडवानी शनि की महादशा में हैं.आडवानी जी का शनि लग्न स्थित रहू केतू की धुरी पर है.परन्तु यह सर्प देश्क्रान में है.और किशी भी शुभ योग या राजयोग में नहीं है.इसी आधार पर मैंने उनके प्रधानमंत्री न बन पाने की भविष्यवाणी की थी.क्यों कि शनि कि दशा १५ सितम्बर २००८ से ही शुरू हो चुकी थी.अब सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम यह है कि वे १९ सितम्बर २०११ के बाद शनि में बुध कि अन्तर्दशा में आ रहे हैं.बुध लाभेश और अष्टमेश है .अर्थात कुछ अच्छा कुछ बुरा.यह बुद्ध न केवल वक्री है परन्तु अस्त भी है.और षष्ठेश के साथ द्वादश या बारहवे घर में है.बुध का प्रत्यंतर मई २०१४ तक चलेगा.पद तो दूर की बात है उन्हें अपने स्वस्थ्य का ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए.उनके स्वस्थ्य पर दो समय तक खतरे है.
१.१४ मई २०१२ तक .यदि १४ मई २०१२ तक वे स्वस्थ रहे तो ३० मई २०१३ तक उनकी आयु पर कोई संकट नहीं है.
२.परन्तु ३० माय २०१३ के बाद संकट पुनः शुरू हो जाएगा.
३० मई २०१३ से १५ अगस्त २०१३ तक उनका सव्स्थ्य एक गंभीर मुद्दा रहेगा.
अब पुनः सवाल हैं उनकी रथ यात्रा का.यदि यह रथ यात्रा अक्तूबर से नवम्बर तक चलती है तो यह रथ यात्रा असफल नहीं होगी.

निष्कर्षतः भा.जा.पा के सत्ता में आने पर लाल कृष्ण आडवानी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे.और यदि चुनाव समय से पहले हो गए तो भा.जा.पा को सत्ता में आने पर कोई नहीं रोक सकता.हाँ यदि चुनाव समय पर होगा तो कांग्रेस और भा.जा.पा में कांटे की टक्कर होगी क्यों की उस समय कांग्रेस के ग्रह कुछ हद तक उसके पक्ष में आ चुके होंगे.भा.जा.पा यदि सत्ता में आती है तो प्रधानमंत्री कोई और होगा.


ज्योतिषी सुशील कुमार सिंह

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