मंगल किसी महिला की कुंडली मे उसके आत्मविश्वास, ऊर्जा या बॉयफ्रेंड का प्रतिनिधित्व करता है ! पर उस मंगल की ऊर्जा का इस्तेमाल वह स्वयं के विकास के लिये करता है ! इसलिए मंगल पति नही हो सकता और संबंध टूट जाता है ! बुध बेस्ट फ्रेंड है जिससे एक लड़की अपने सुखदुख शेयर करती है ! पर बुध में प्रोपोज़ करने का वो गट्स नहीं है जो मंगल के पास है ! बुध में masculinity भी उतनी नहीं है जो मंगल के पास है ! क्लास का सबसे अच्छा नोट्स बनाने वाला लड़का बुध है और टैटू वाला 6 पैक लड़का मंगल ! पर मंगल और बुध दोनों में हसबैंड मटेरियल नहीं होता इस लिये दोनों का एक लड़की से संबंध स्थायी हो ही नहीं सकता ! बृहस्पति जिम्मेदार है और mature है इसलिए वह पति की भूमिका में होता है ! पर यदि तीनों ग्रहों की भूमिकाएं बदल जाये तो जैसा कि कई बार होता है तो स्थितियां बदतर हो जाती हैं !
यदि किसी लड़की की कुंडली मे बृहस्पति की जगह बुध पति की भूमिका में है तो फिर बेकार ! बुध को अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं होगा ! गंभीर से गंभीर बात को वह हंसी में लेगा ! उसके काफी निर्णय बचपना वाले हो सकते हैं ! यदि मंगल पति की भूमिका में हो तो महिला का पति ना दिल का प्रयोग ज्यादा करेगा या दिमाग का ! बल्कि उसके जीवन मे विवाह के बाद अन्य महिलाएं अवश्य होंगी ! घर मे विवाद रोज़ होंगे ! इसलिए विवाह आजकल उसी महिला का चल रहा है जहाँ बृहस्पति पति की भूमिका में है ! उस लड़की का कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं होगा जिसका बुध बहुत वीक और पीड़ित होगा , पर बॉयफ्रेंड होगा यदि उसकी कुंडली मे मंगल मजबूत होगा ! पर यदि उसका बृहस्पति पीड़ित हुआ तो विवाह तो होगा पर बाद में नरक बन जाएगी जिंदगी और संतान उत्पन्न होने में भी समस्या आएगी !
यदि किसी लड़की की कुंडली मे बृहस्पति की जगह बुध पति की भूमिका में है तो फिर बेकार ! बुध को अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं होगा ! गंभीर से गंभीर बात को वह हंसी में लेगा ! उसके काफी निर्णय बचपना वाले हो सकते हैं ! यदि मंगल पति की भूमिका में हो तो महिला का पति ना दिल का प्रयोग ज्यादा करेगा या दिमाग का ! बल्कि उसके जीवन मे विवाह के बाद अन्य महिलाएं अवश्य होंगी ! घर मे विवाद रोज़ होंगे ! इसलिए विवाह आजकल उसी महिला का चल रहा है जहाँ बृहस्पति पति की भूमिका में है ! उस लड़की का कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं होगा जिसका बुध बहुत वीक और पीड़ित होगा , पर बॉयफ्रेंड होगा यदि उसकी कुंडली मे मंगल मजबूत होगा ! पर यदि उसका बृहस्पति पीड़ित हुआ तो विवाह तो होगा पर बाद में नरक बन जाएगी जिंदगी और संतान उत्पन्न होने में भी समस्या आएगी !
उपरोक्त विश्लेषण अंतिम नहीं है बल्कि इसकी मदद से एक सामान्य तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है जो लोग अपनी कन्या संतानों की कुंडलियां देखकर विचार कर सकते हैं और बाद में ज्योतिषियों की मदद लेकर निर्णय ले सकते हैं ! मैंने पहले भी कहा है कि नक्षत्र चरणों के आधार पर हो रहे गुण मिलनों का कोई महत्व नहीं है नहीं तो 32 गुण मिलने पर भी शादियां 8 महीने भी नहीं चल पा रहीं हैं ! बुध बृहस्पति और मंगल देखिये लड़के लड़की का फिर 7,8,12 वां भाव देखिये ! यदि दोनों 60 प्रतिशत समान हो या समान रूप से पीड़ित हो तो विवाह कर दीजिए ! बुध बृहस्पति से संबंध रखने की शिक्षा देना उचित है ! मंगल से बस आवश्यक संबंध ही उचित होगा !
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